कोरोना योद्धा की संक्रमण से मौत होने पर उसके परिवार को 1 करोड़ की सम्मान राशि दी जाय-कोमल हुपेंडी,प्रदेश अध्यक्ष आप

इस भयंकर महामारी में छत्तीसगढ़ के नागरिक होने के नाते हम सब सरकार के साथ खड़े है- प्रथमेश मिश्रा, जिला अध्यक्ष*

बिलासपुर - लगातार प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण से मौतों का सिलसिला काफी बढ़ गया है व इससे दुःखद बात यह है कि अपनी जान जोखिम में डाल कर कुछ सरकारी कर्मचारी दिन रात इन मरीजो की सेवा कर रहे है व संक्रमित भी हो रहे है ।

कोमल हुपेंडी ने कहा हमे गर्व है उन सभी भाईयों व बहनों पर जो इस मुश्किल घड़ी पर अपनी जान की परवाह किये बिना सेवा के रूप में अपनी नौकरी कर रहे है ।

कोमल हुपेंडी ने छत्तीसगढ़ सरकार से ये मांग की है कि जितने भी कोरोना वॉरियर्स अपनी ड्यूटी कर रहे है व इस दौरान जब वे खुद संक्रमित होते है तो उनके इलाज की विशेष व्यवस्था होनी चाहिए व इस दौरान यदि किसी की मृत्यू होती है तो उसे शाहिद का दर्जा देते हुए सरकार 1 करोड़ की राशि व परिवार में एक सदस्य को नौकरी मिलनी चाहिए ।

*आम आदमी पार्टी जिला अध्यक्ष .. प्रथमेश मिश्रा ने  कहा हम छत्तीसगढ़ के आम नागरिक होने के नाते, कोरोना महामारी की इस लड़ाई में सरकार के साथ खडे है, लेकिन हमारे सरकार से कुछ सवाल हैं, जिसका जवाब सरकार को देना पड़ेगा साथ ही समस्या से निपटने के लिए क्या तैयारी है ?*

*पहला सवाल:*- छत्तीसगढ़ में करोना मरीजों के लिए अस्पतालों में पर्याप्त बेड,  वेंटिलेटर ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं हैं, राजधानी रायपुर में भी किसी भी अस्पताल में नए मरीज़ों के लिए जगह नहीं है, सरकार की इसपर क्या तैयारी है?

*दूसरा सवाल:*- कोविड ईलाज में तैनात सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों के लिए PPE किट की व्यवस्था नहीं है? जल्द से जल्द सरकार PPE किट की व्यवस्था करे।

अगर अस्पताल में बेड नहीं हैं तो सरकार को हर जिले में 1 नया कोबिड़  सेंटर क्यों नहीं बनाती जिससे इसे माहामारी से निपटा जा सके ।

*तीसरा सवाल*- कोरोना संक्रमण के कारण होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या के कारण राजधानी रायपुर के सबसे बड़े बाबा साहब भीमराव आंबेडकर अस्पताल के शव घर में नए शवों को रखने की जगह नहीं बची है.

प्रदेश के सभी शमशान घाट में भी अंतिम संस्कार के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ रही है,  इस गंभीर संकट से निपटने के लिए सरकार की क्या तैयारी है?

*चौथा सवाल*- करोना जब तेजी से छत्तीसगढ़ में पांव पसार रहा था तो उस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी असम चुनाव प्रचार में व्यस्त थे, अगर समय रहते प्रदेश में कोरोना से निपटने के लिए उचित व्यवस्था की जाती, तो ये विकराल समस्या नहीं आती, इसपर प्रदेश सरकार का क्या कहना है?
*पांचवा सवाल*-  प्रदेश के लगभग सभी जिलों में लॉकडाउन लगा दिया गया है , दैनिक मजदूर जो रोजाना कमाते और खाते हैं उनकी जिंदगी में बड़ा असर पड़ा है, सरकार द्वारा उनको आर्थिक मदद करने का क्या प्लान बनाया गया है?

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