नरवा योजना अच्छी, लेकिन रुपए खर्च नहीं कर पाती राज्य सरकार,छत्तीसगढ़ राज्य देश में 30 वें पायदान पर है जब काम शुरू किया था, उस समय 23 वें पायदान पर था , पढ़े पूरी खबर - गुरुआस्था न्यूज़

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रायपुर - जल मिशन के संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात के बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सामान्य नागरिकों के लिए बहुत सारी योजनाएं शुरू हुई। बिजली, पानी, सड़क की सुविधा पहुंचाने का काम शुरू हुआ। देश के शत-प्रतिशत लोगों को सुविधाएं पहुंचाने का काम किया गया। स्वच्छता को लेकर देश में बदलाव आया। देश की 32 प्रतिशत महिलाओं के लिए अब शौचालय है। 2030 के लिए लक्ष्य है कि सबके घर सुरक्षित होंगे। 

केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने आगे कहा कि अभी 50 सालों में जल की कैपिसिटी लगातार घट रही है। पानी कम नही हुआ है, लेकिन पॉपुलेशन बढ़ गया है। नए मंत्रालय जल शक्ति मिशन का गठन किया गया। 2024 तक प्रत्येक घर तक पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य है। राज्यों के साथ बातचीत हुई। 25 दिसंबर 2019 को इस मिशन के लिए हमने एक गाइडलाइन रिलीज की, जिसके मुताबिक 25 दिसंबर तक 19 करोड़ घर चिन्हित किए, जिनमें से मात्र 3 करोड़ घरों तक पानी पहुचता था। लॉकडाउन के बाद भी देश में 41.30 प्रतिशत से ज्यादा नए घरों को पानी का कनेक्शन दे चुके हैं। 2024 तक लक्ष्य है कि देश में किसी भी माता-बहन को सर पर मटका रखकर पानी के लिए परेशान ना होना पड़े। पेयजल को लेकर कुछ राज्यों ने बहुत अच्छा काम किया है। कर्नाटक ने 100 प्रतिशत तक काम कर लिया है। देशभर में 74 जिले ऐसे हैं, जहां हर घर में पानी की व्यवस्था हो गई है।

केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र शेखावत ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की भौगोलिक स्थिति पर दुख है। छत्तीसगढ़ राज्य देश में 30 वें पायदान पर है। जब काम शुरू किया था, उस समय 23 वें पायदान था। मनरेगा का भी पैसा 65 प्रतिशत खर्च होना है। 5 सालों के कार्यकाल हमारे और राज्यों के लिए एक अवसर है। हमारा प्रयास है कि नियमित पानी मिले, नियत पानी मिले, साफ पानी मिले, उचित गुणवत्ता का भी मिले। यह संकल्प भी है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र ने छत्तीसगढ़ की नरवा योजना की तारीफ करते हुए कहा कि वेस्ट पानी के प्रॉपर ट्रीटमेंट के लिए काम करने की जरूरत है। केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए छत्तीसगढ़ को बहुत मेहनत करने की जरूरत है। काम की गति को बढ़ाने की जरूरत है।

केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने यह भी कहा कि इस सदी का जब इतिहास लिखा जाएगा, तब कोविड और वैक्सीन का जिक्र होगा। यह भी लिखा जाएगा कि भारत देश ने अपने देशवासियों के साथ कैसा सहयोग किया। छत्तीसगढ़ में पानी के लिए फंड के सवाल केंद्रीय मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन को जितना पैसा दिया था, उसमें से 20 प्रतिशत पैसा खर्च हुआ। पिछले साल भी केवल एक ही क़िस्त खर्च हुई। यह कहना गलत है कि केंद्र सरकार पैसा नही दे रही है, छत्तीसगढ़ पैसे का उपयोग नही कर पाया। सुपेबेड़ा की समस्या पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ बैठक में यह चर्चा हुई है। हमने कहा है कि जहां दूषित वाटर पोस्ट है, वहां प्राथमिकता के साथ काम किया जाना चाहिए। शुद्ध पानी दिलवाने फिल्टर प्लांट लगाएं। मुझे बताया गया है कि जिन इलाको में भूजल दूषित हैं, वहां सोलर बेस्ड कम्यूनिटी वाटर पोस्ट बनाकर काम हों रहा है। ऐसे कुल 72 पोस्ट है।

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