हम संविधान को नहीं मानते : सजा के बाद आतंकियों के चेहरे पर शिकन तक नहीं, पढ़ें पूरी खबर - गुरुआस्था न्यूज़


गुरुआस्था न्यूज़  प्रतिनिधि 

 हम संविधान को नहीं मानते : सजा के बाद आतंकियों के चेहरे पर शिकन तक नहीं,  

भोपाल - वर्ष-2008 में अहमदाबाद में हुए बम धमाके के मामले में दोषी आतंकियों को सजा सुनाई गई है। इनमें से 38 को फांसी की सजा दी गई है। मृत्युदंड की सजा पाने वाले छह आतंकी सेंट्रल जेल भोपाल में बंद है। इनमें बम धमाके का मास्टर माइंड सफदर नागौरी भी शामिल है। इनके एक साथी को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा दी गई है। सजा सुनाए जाने के बाद भी सफदर के चेहरे पर शिकन नहीं दिखी। वह जेल अधीक्षक से बोला कि हम संविधान को नहीं मानते। हम सिर्फ कुरान का फैसला मानते हैं। उधर सजा घोषित होने के बाद जेल में आतंकियों की निगरानी और बढ़ा दी गई है।

जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे ने बताया कि जेल से वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से अहमदाबाद ब्लास्ट मामले की सुनावाई चल रही थी। उसी में शुक्रवार को सेंट्रल जेल में बंद सात आरोपितों को दोषी करार दिया गया। इनमें से महिदपुर निवासी सफदर नागौरी, कमरुद्दीन नागौरी, उज्जैन निवासी आमिल परवेज, कर्नाटक निवासी हाफिज गुलबर्गा, केरल निवासी शादुली एवं शिबली को फांसी की सजा सुनाई गई।

अंसार को अंतिम संास तक जेल में रहने की सजा दी गइ है। जेल अधीक्षक ने बताया कि सजा सुनने के बाद भी आतंकियों के चेहरे पर शिकन नहीं आई। बम कांड के मास्टर माइंड सफदर नागौरी ने बोला कि संविधान हमारे लिए मायने नहीं रखता। हम कुरान के फैसले को मानते हैं। सफदर नागौरी प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) का राष्ट्रीय महासचिव रह चुका है। जेल अधीक्षक ने बताया कि वर्तमान में जेल में सिमी से संबंधित 23 आरोपित बंद हैं।

- चर्चा में आने के लिए करते हैं अजीब हरकतें

बम कांड के आरोपितों को मई 2017 में सेंट्रल जेल भोपाल में शिफ्ट किया गया था। जेल में रहने के दौरान अक्सर चर्चा में आने के लिए ये लोग अजीबोगरीब हरकतें करते रहे हैं। सफदर नागौरी ने तो भोपाल जेल से ट्रांसफर करने के लिए याचिका भी दायर कर चुका है। सभी को जेल में कड़ी सुरक्षा वाली बैरक में रखा जाता है।

सिमी का खजांची रहा है जबलपुर का मोहम्मद अली

अहमदाबाद ब्लास्ट मामले में ताउम्र कैद की सजा पाने वाले मोहम्मद अली उर्फ खजांची का जबलपुर से गहरा नाता रहा है। वो गोहलपुर थाना क्षेत्र के नालबंद मोहल्ले में मछली मार्केट के पास का रहने वाला है। जिसे करीब 10 साल पहले सिमी (इस्लामिक स्टूडेंट मूवमेंट आफ इंडिया) के आधा दर्जन सदस्यों के साथ गिरफ्तार किया गया। उसे अहमदाबाद और जबलपुर की पुलिस ने एक साथ कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया था।

मोहम्मद अली के खाड़ी देशों में भी गहरे संबंध रहे हैं, जहां से वो सिमी के लिए रुपयों का इंतजाम किया करता था। सिमी को प्रतिबंधित संगठन घोषित किये जाने के बाद मोहम्मद अली उर्फ खजांची इंडियन मुजाहिद्दीन से जुड़ गया था। गिरफ्तारी के बाद मोहम्मद अली का जबलपुर से बहुत नाता नहीं रहा। उसके संपर्काें और अपराध की प्रकृति की वजह से उसके अलग-अलग जेलों में पहुंचाया जाता रहा।

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