त्योहारी सीजन में फिर लग सकता है लॉकडाउन,जानिए केंद्र ने राज्यों से क्या कहा , पढ़े पूरी खबर - गुरुआस्था न्यूज़

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कोरोना का संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है, मामले में सिर्फ थोड़ी सी कमी आई है, अगर लापरवाही बरती जाए तो यह फिर से एक भयानक रूप ले सकती है। केन्द्र सरकार ने बुधवार को देश के कुछ राज्यों में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से आगामी त्योहारों को देखते हुए फिर से प्रतिबंध लगाने पर विचार करने को कहा है। एक पत्र द्वारा लिखे बयान में केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों से स्थानीय प्रतिबंधों को लागू करने और सामूहिक समारोहों को रोकने के लिए सक्रिय रूप से विचार करने का आग्रह किया है।

देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और प्रशासकों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से लिखे गए एक पत्र में कहा गया है, ‘‘इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नेशनल सेंटर फाॅर डिजीज कंट्रोल ने त्योहारों के दौरान बड़े पैमाने पर होने वाले कार्यक्रम, भव्य आयोजन में परिवर्तिन न हो जाए इस पर चिंता व्यक्त की है।’’ केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में आगे उन्होंने कहा है कि ‘‘मैं दोहराना चाहूंगा कि ‘टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीकाकरण और कोविड से बचने के दिशानिर्देश सुनिश्चित करने’ की पाँच गुना रणनीति का कड़ाई से पालन करने में किसी भी तरह की ढिलाई हमारे देश को अब तक प्राप्त प्रोत्साहन पर नकारात्मक असर डालेगी।

इससे पहले भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से देश में आगामी त्योहारों से पहले स्थानीय प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया था। भूषण ने पत्र के माध्यम से कहा कि ‘‘आने वाले त्योहारों के मद्देनजर, यह दृढ़ता से सलाह दी जाती है कि राज्य इन त्योहारों के सार्वजनिक अवलोकन में स्थानीय प्रतिबंध लगाने पर विचार कर सकते हैं और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 22 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सामूहिक समारोहों को सीमित कर सकते हैं।’’

बुधवार को केन्द्रीय स्वाथ्य मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि देश में बुधवार को 42,625 मामले दर्ज किए गए, जिसमें भारत की अब तक की कुल सुख्या कोविड-19 से 3,17,69,132 हो गई और सक्रिय केस की अगर बात करें तो यह 4,10,353 हो गया है। कोविड-19 से हुई मौतों के आंकड़ों को लेकर मंत्रालय ने अपने एक बयान में बताया कि दूसरी लहर के दौरान देश भर में स्वास्थ्य प्रणाली चिकित्सा सहायता की ओर अग्रसर थी उनका पूरा ध्यान आवश्यक स्वास्थ्य सहायता मुहैय्या कराने पर था। इस वजह से कोविड की मौतों की सही रिपोर्टिंग और रिकार्डिंग में देरी हुई थी, लेकिन बाद में इसे पूरा कर दिया गया।

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