कलेक्टर बताएं अरपा के विकास व सफाई के लिए क्या है कार्ययोजना, पढ़े पूरी खबर - गुरुआस्था न्यूज़

गुरुआस्था समाचार  

बिलासपुर - अरपा की सफाई व विकास के लिए हाई कोर्ट ने एक बार फिर से सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने अरपा के उदगम स्थल को संरक्षित करने व गंदगी रोकने को लेकर प्रस्तुत जनहित याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने राज्य शासन के साथ ही बिलासपुर व गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के कलेक्टर को संयुक्त बैठक कर दो माह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। साथ ही यह भी पूछा है कि अरपा की सफाई व विकास के लिए क्या-क्या कार्ययोजनाएं बनाई गई हैं। इसकी जाकनारी कोर्ट में प्रस्तुत की जाए।

अरपा नदी के उदगम स्थल व आसपास हो रहे अतिक्रमण को लेकर अधिवक्ता अरविंद शुक्ला, स्टेट बार कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष प्रभाकर सिंह चंदेल, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के चेयरमैन सीके केशरवानी, राकेश पांडेय सहित अन्य वकीलों ने हाई कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस को पत्र लिखा था, जिसे पत्र याचिका मानकर जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया गया है। इस मामले की लगातार सुनवाई चल रही है।

बीच-बीच में कई बार कोर्ट ने अरपा को संरक्षित करने के संबंध में शासन व जिला प्रशासन को दिशा-निर्देश दिए। शुक्रवार को इस प्रकरण की सुनवाई हाई कोर्ट के जस्टिस मनींद्र मोहन श्रीवास्तव व जस्टिस विमला कपूर की युगलपीठ में सुनवाई हुई। इस दौरान नगर निगम ने शहर व आसपास अरपा नदी के विकास व सफाई को लेकर किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी।

इस दौरान कोर्ट ने राज्य शासन के साथ ही बिलासपुर व गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के कलेक्टर को मिलकर संयुक्त बैठक लेने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी कहा कि सभी मिलकर दो माह के भीतर कार्ययोजना बनाकर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें कि अरपा के संरक्षण, सफाई व विकास के लिए क्या प्लानिंग की गई है।

दूषित पानी रोकने निगम ने बनाई है योजना

मामले की सुनवाई के दौरान नगर निगम के अधिवक्ता ने बताया कि अरपा नदी में शहर का गंदा पानी न जाए इसके लिए दोनों तरफ नाले का निर्माण कराया जाएगा। यह नाला दोमुहानी तक जाएगा और वहां वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा। इसके जरिए दूषित पानी की सफाई कर इसे अरपा में छोड़ा जाएगा। इसके लिए नगर निगम ने काम भी शुरू कर दिया है। इस पर कोर्ट ने अरपा के लिए किए जा रहे कार्यों की पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।

अतिक्रमण हटाने दिया था आदेश

इससे पहले भी हाई कोर्ट ने पूछा था कि अरपा नदी में नाले का गंदा पानी रोकने के लिए क्या कार्य योजना बनाई गई है। इस दौरान कोर्ट ने कलेक्टर को अरपा के उदगम स्थल के दो किलोमीटर के दायरे में किए गए अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने अतिक्रमण किए गए स्थल की फोटोग्राफी कराकर रिपोर्ट भी मांगी थी। साथ ही उदगम स्थल को संरक्षित करने के निर्देश भी दिए थे।

हाई कोर्ट ने बनाई थी कमेटी

पूर्व में हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं व शासन का पक्ष जानने के बाद अरपा नदी को संरक्षित करने के लिए एक समिति बनाई थी, जिसमें अधिवक्ता के साथ ही अन्य विशेषज्ञों को शामिल करने कहा गया था। इसमें 12 सदस्य शामिल हैं। समिति ने उदगम स्थल सहित अरपा नदी का जायजा लिया था। इस दौरान अरपा नदी के प्रवाह की निरंतरता को लेकर कार्य योजना बनाने के सुझाव दिए गए। इसके साथ ही याचिकाकर्ता अरविंद शुक्ला ने खुद पैरवी करने के साथ ही अधिवक्ताओं के साथ अरपा के उदगम स्थल का दौरान किया। उन्होंने कोर्ट को बताया था कि 22 किलोमीटर के दायरे में कई चेकडेम बने हैं।

Comments