खेल परिसर में ही हॉकी के आधुनिक स्वरूप की सुविधा हेतु के चार करोड़ 39 लाख की लागत से एस्ट्रोटर्फ मैदान बनकर तैयार हुआ, यह प्रदेश का चौथा एस्ट्रोटर्फ मैदान है तथापि सरकार की बेरुखी से इक्का-दुक्का स्थानीय आयोजनों के अतिरिक्त राज्य और राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों की कोई कवायद नही की गई है।उन्होंने कहा एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान के रखरखाव में भी अनदेखी की जा रही है। मैदान के गोलपोस्ट को भी अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नहीं बनाया गया है,फलतःनेशनल, इंटरनेशनल मैचों के आयोजन में विलंब हो रहा है। हॉकी मैदान में फ्लड लाइट नहीं लग सकी है और यहां खिलाड़ियों दर्शकों के लिए बैठने की भो व्यवस्था नही है।निर्माण एजेंसी ने केवल मैदान बनाने की बात कहकर जारी राशि खर्च करके अपना पल्ला झाड़ दिया।ग्राउंड में वाटरिंग और मेंटेनेंस प्रॉपर नहीं हो रहा है।
श्री अमर अग्रवाल ने कहा दरसअल खेल और खिलाड़ियों के विकास में राज्य सरकार की और खेल विभाग की कोई रुचि नहीं है।खेल संस्कृति के उन्नयन की बजाय छ ग भुमाफियाओं की शरणस्थली बन गया है,
स्टेडियम में सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम नहीं है ,आए दिन विभिन्न सामग्रियों की चोरी हो जाने की बातें सामने आती है,चारो ओर बड़ी-बड़ी घासे उग आई है।दरअसल स्टेडियम के निर्माण में मिलीभगत से ,इंडोर हो या आउटडोर परिसर, खिलाड़ियों के किसी काम का साबित नहीं हो सका है। घटिया निर्माण कार्य से भवनो में दरारे साफ नजर आती है। 60 करोड़ के अनुमानित लागत से आरम्भ हुआ प्रोजेक्ट में 135 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हो जाने के बाद भी ना तो किसी प्रकार की खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन हो रहा है और ना ही किसी प्रकार की ट्रेनिग खिलाड़ियों को मिल रही है,इसके उलट पिछले वर्षों में राहुल गांधी की सभा करा कर सत्ता पार्टी ने स्टेडियम के राजनीतिक दुरुपयोग का भी शुभारंभ कर दिया गया है।
स्टेडियम में सब स्टेशन होते हुए भी किसी आयोजन के संदर्भ में बिजली विभाग से किराए पर बिजली ली जाती है जिसमें लाखों रुपए खर्चा होते हैं।स्टेडियम के आउटडोर और इंडोर घटिया क्वालिटी के निर्माण के कारण किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है , फायर फाइटिंग सिस्टम का कोई में कोई इंतजाम नहीं है।इनडोर स्टेडियम के टायलेट, पंखा, लाइट आदि की व्यवस्था नहीं है। स्टेडियम की दीवारों पर जगह-जगह छेद नजर आ रहे हैं। वहीं आउटडोर स्टेडियम में लगे रेलिंग, दरवाजे, फर्श पर लगे टाइल्स उखडऩे लगे हैं। इसके अलावा असामाजिक तत्वों द्वारा तोड़-फोड़ कर दरवाजा व खिड़कियों को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है।स्टेडियम की सुरक्षा में होमगार्ड के जवानों की नियुक्ति की जानी थी महज दो चार प्राइवेट कर्मियों से ही सुरक्षा कार्य कराया जा रहा है। प्रशासन के स्पोर्ट्स स्टेडियम की अव्यवस्था जल्द दूर करने दावे केवल जुबानी साबित हुए है। कलेक्टर के निर्देश खेल और लोक निर्माण विभाग के अफसरों के लिए कोई मायने नही रखते। 2018 में कुछ महीने काम हुआ 2019 दिन में महज कुछ दिन काम हुआ। लॉकडाउन के दौरान सिंथेटिक ट्रैक के निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा है, कभी गर्मी के कारण तो कभी बारिश के कारण बहाना बताकर काम को पूरा नहीं किया जा रहा है।
स्टीमेट रिवीजन स्वीकृति की प्रक्रिया में होने से ठेकेदार का भुगतान लंबित है,फलतः कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है जबकि प्रोजेक्ट कास्ट मूल आकलन से दुगुने से भी ज्यादा हो गई है। प्रदेश में हॉकी, फुटबाल सहित दूसरे खेल और इनके खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने की दिशा में बना यह स्टेडियम बदहाली की कगार तक पहुंच चुका है।खेल विभाग में स्टाफ की कमी , सरकार और खेल विभाग के अफसरों की ढिलाई से स्थिति यथावत है और खेल और खिलाड़ियों की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा हैं। ऐसे ही मूल कारणों से छत्तीसगढ़ में खेल प्रतिभाओं का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक खेलों में प्रतिनिधित्व नहीं हो पा रहा है।खेल, खिलाड़ी और खेल सुविधाओ की दृष्टि से हमारा छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों की तुलना में बहुत पीछे चल रहा है।गिल्ली डंडा और भौरा,गेंड़ी चढ़कर स्थानीय अस्मिता के नाम पर फोटो बाजी की जगह राज्य की सरकार के मुखियां को प्रचलित खेल ,खिलाड़ी और खेल सुविधाओं के रोजगारपरक आधारित वास्तविक विकास की ओर ध्यान देना चाहिए ताकि ओलंपिक और विश्व स्तरीय प्रतिस्पर्धा में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके।
*टोकियो ओलम्पिक के लिए भारतीय खिलाड़ियों के दल को दी श्री अमर अग्रवाल ने दी शुभकामनाएं*
आगामी 13 जुलाईं को माह के अंत मे टोक्यो में ओलंपिक खेलों में भारत का 100 से भी अधिक सदस्यो का चयनित दल भाग लेने के लिए रवाना होगा। श्री अमर अग्रवाल ने भारत के सभी खिलाड़ियों को ओलंपिक अभियान के लिए अपनी शुभकामनाएं देते हुए उम्मीदें की है कि खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर देश के लिए अधिकाधिक मेडल जीतकर लाएंगे। उन्होंने कहा भारतीय हॉकी टीम स्वर्णिम दौर पुनः लौट रहा हैं आज भारत की टीम विश्व में चौथे नंबर पर है, इस बार भारत में ओलंपिक में पुरुष हॉकी टीम से बड़ी आशाएं हैं। बैडमिंटन में पीवी सिंधु, बॉक्सिंग में एमसी मैरीकॉम , अमित पंघाल, एथलेटिक्स में नीरज चोपड़ा और लंबी कूद में मुरली शंकर, निशानेबाजी कुश्ती और टेबल टेनिस खेल में भारतीय खिलाड़ियों से काफी उम्मीद है कि वे देश के लिए ओलंपिक पदक लेकर लौटेगे।
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