गनियारी जन स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर ने ऑपरेशन कर महिला के पेट में छोड़ दी 3 कॉटन पट्टी, 10 महीने तक दर्द से तड़पती रही महिला

हरीश चौबे 

करगीरोड कोटा (सर्वव्यापी ) तख़तपुर जनपद के गनियारी में संचालित जन स्वास्थ्य केंद्र अब लापरवाही से महिला जान का खतरा   बनता जा रहा था । एक महिला के प्रसव आपरेशन के दौरान लापरवाही करते हुए पेट मे तीन कॉटन पट्टियां छोड़ दिए।जब महिला को इससे पेट मे दर्द और रक्तस्राव होता रहा तो आठ महीने तक इलाज भी करते रहे।आखिर में इलाज कर पाने से हाथ खड़े कर दिए ,तो परिजनों ने लंबी रकम खर्च कर ऑपेरशन कराकर पट्टी तो निकलवा दी मगर महिला की हालत अभी भी ठीक नही है।जब इस गंभीर विषय मे जनस्वास्थ्य केंद्र में जिम्मेदार व्यक्ति से बात करने संपर्क किया गया तो उन्होंने कॉल पर होने का बहाना कर जवाब देने से कन्नी काट ली।वही सीएमएचओ ने इसे गंभीर लापरवाही बताते हुए शिकायत मिलने पर कार्यवाही की बात कही है।इस बीच महिला के ससुर ने कोटा थाने में शिकायत दर्ज करा दी है।


गरीब लोगो के स्वास्थ्य सेवा के लिए समर्पित संस्थान के रूप प्रसिद्ध गनियारी का जन स्वास्थ्य केंद्र अब लापरवाह लोगो के नियंत्रण में आ गया है। यहाँ एक महिला को जुलाई में प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था, जिसका आपरेशन कर प्रसव कराया गया।लेकिन आपरेशन के दौरान महिला के पेट मे तीन कॉटन पट्टियां शरीर के अंदर ही छोड़कर टांके लगा दिए ।इससे भी ज्यादा लापरवाही यह रही कि जब महिला इसके कारण पेट के दर्द और रक्तस्राव की शिकायत लेकर इलाजे कराने आती तो उसे दवाई देकर विदा कर देते।आखिर में आठ महीने बाद जब मर्ज समझ में नही आया तो इलाज करने से हाथ खड़े कर दिए,और कहीं और इलाज करा लेने की बात कह दी। इसके बाद निजी अस्पताल में लंबी रकम ख़र्च कर आपरेशन कराया और पट्टियों को बाहर निकलवाया।


पीड़ित महिला के ससुर मुंगेली जिले के पथरिया क्षेत्र के गोइंद्रा में रहने वाले चंद्रिका लहरे ने कोटा थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया है कि उसकी बहु कीर्ति गेंदले उम्र 29 वर्ष गनियारी के पास ही नेवरा पंचायत में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है।जुलाई 2020 में उसे प्रसव के लिए गनियारी स्थित जनस्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था।जनस्वाथ्य केंद्र में 13 जुलाई को उसका आपरेशन किया गया।तीन दिनों बाद उसे जनस्वास्थ्य केंद्र से छुट्टी दे दी गयी।मगर घर जाने के बाद उसे लगातार पेट मे दर्द रहने लगा और रक्तस्राव भी नही रुक रहा था।इलाज के लिए जनस्वास्थ्य केंद्र लेकर आये तो दवाई देकर शीघ्र ही ठीक हो जाने की बात कही ।लेकिन ठीक नही होने पर अगस्त में दुबारा धुलाई किया गया।इसके बाद भी परेशानी लगातार बनी रही और जनस्वास्थ्य केंद्र वाले दवाई देकर ठीक होने की बात कहते रहे।इधर कीर्ति की तबियत लगातार बिगड़ती जा रही थी।अंत मे अप्रैल में जनस्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों ने इलाज नही कर पाने की बात मानते हुए कहीं और इलाज कराने की बात कह दी।

इसके बाद पथरिया और सकरी में इलाज कराया मगर कोई फायदा नही हुआ।तब बिलासपुर के निजी अस्पताल में इलाज कराने पर सोनोग्राफी और सिटी स्कैन करने पर पेट मे गर्भाशय के पास कुछ होने की बात पता चली,जिसे आपरेशन कर बाहर निकाला गया।डॉक्टर ने बताया कि यह कॉटन की पट्टी है जो सभवतः पिछले आपरेशन के दौरान पेट के रह गया हो।इसकी जानकारी होते ही उन्हें जनस्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों की लापरवाही समझ मे आ गयी।आज कोटा थाने जाकर लिखित शिकायत दर्ज कराया है।इन दस महीनों के बीच मे इलाज में लगभग तीन से चार लाख खर्च हो गए है।


जनस्वास्थ्य केंद्र की संवेदनहीनता और गैरजिम्मेदाराना रवैय्या

महिला के पेट मे कॉटन पट्टी छोड़े जाने के विषय मे जब जन स्वास्थ्य केंद्र के जवाबदारों से संपर्क कर मामले में उनका पक्ष जानने के लिए गए तो वहाँ बताया गया कि डॉ रमन पटारिया ही इसके लिए अधिकृत है।जब उनसे मिलने की बात कही गई तो कॉल पे होने का हवाला देकर मिलने से इनकार कर सिया गया।जब डॉ रमन पटारिया का नंबर मांगा गया तो उसे भी देने से मना कर दिया गया।इस तरह ,तरह-तरह की बहाने बाजी कर जवाबदेही से बचते रहे।इतने संवेदनशील मुद्दे पर अपना पक्ष रखने के लिए किसी भी जिम्मेदार का सामने नही आना।जनस्वास्थ्य केंद्र के संवेदनहीनता और गैर जिम्मेदाराना रवैय्ये को दिखाता है।जनस्वास्थ्य केंद्र के असंवेदनशील होने और लापरवाही का एक और नमूना यह था कि यहाँ किसी मरीज या उसके परिजन को यह नही बताया जाता है कि उसका इलाज किस डॉक्टर के द्वारा किया जा रहा है।इलाज के बाद मरीज और उसके परिजनों को मेडिकल दस्तावेज या उसकी छाया प्रति भी नही दी जाती है,जिससे वे किसी दूसरी जगह सेकंड ओपिनियन ले सके।




मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रमोद महजान से जब पूछा गया तो उनका कहना था कियदि लंबे समय तक ब्लीडिंग नही रुक रही थी और पेट मे दर्द था तो सोनोग्राफी कराया जाना था ।यह बमारे पास ऐसी कोई शिकायत नही आई है।यदि कोई शिकायत आती है तो जांच कर लापरवाही करने वालो के विरुद्ध ठोस कार्यवाही की जाएगी।

कोटा थाना प्रभारी सनिप रात्रे ने बताया कि महिला के ससुर चंद्रिका लहरे ने आवेदन दिया है।उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन लेकर जांच उपरांत कार्यवाही की जाएगी।

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