अस्पतालों में दवाईयां, बेड जैसी सुविधाओं के लिए तरस रहे लोग- विधानसभा संगठन मंत्री अनिलेश मिश्रा, आप

बिलासपुर - सर्वविदित है कि इस कोरोना महामारी ने हमारी पूरी छत्तीसगढ़ को अपनी चपेट में ले लिया है । मरीजों को अस्पतालों में न तो पर्याप्त बेड, न दवाई मिल रही है, लोग बहुत परेशान है  । 15 साल की रमन सरकार  से तंग आकर लोगों ने भूपेश बघेल की सरकार को चुना था , लोगों को विश्वास था कि भूपेश बघेल की सरकार में चुने हुए जनप्रतिनिधि  जनता के लिए काम करेंगे लेकिन इस महामारी के समय भी हमारे स्थानीय विधायक  शेलैष पाण्डेय जी अपनी जिम्मेदारी से उलट  जनता की मुश्किलों का समाधान नहीं कर रहे हैं । क्षेत्र को सेनिटाइज तक नहीं किया जा रहा है ।

विधायक जनप्रतिनिधियों को लोग इसलिए चुनते हैं कि वह जनता के मुश्किलों का समाधान करेंगे,  लेकिन हमारे बिलासपुर विधानसभा के विधायक शेलैष पाण्डेय जी  , लोकसभा सांसद अरुण साव जी जनता के बीच नहीं दिख रहे हैं ,इससे लोगों में इन जनप्रतिनिधियों के खिलाफ काफी रोष है ।

आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ के सभी विधायकों ,11 लोकसभा सांसदों ,पांच राज्यसभा सांसदों से सवाल पूछती है जनप्रतिनिधि जी जनता के सवालों का जवाब दो - आप कहां हो,  ऐसा तो नहीं कि अपने क्षेत्र की जनता को छोड़कर असम से आये वीआईपी नेताओं आवभगत में लीन हैं ? बिलासपुर विधान सभा की जनता शेलैष पाण्डेय जी आपसे जानना चाहती है-  स्थानीय जनता की समस्या के समाधान के लिए आपने क्या- क्या प्रयास किए? 

आम आदमी पार्टी भूपेश सरकार से भी सवाल पूछना चाहती है कि उन्होंने अपने चुनाव घोषणापत्र में कहा था कि शिक्षा और स्वास्थ्य पर काम करेंगे तो आज स्वास्थ्य की व्यवस्था में छत्तीसगढ़ क्यों पिछड़ा है ?  क्यों लोगों को इस महामारी में बेड और दवाइयों की किल्लत झेलनी पड़ रही है ? भूपेश सरकार शराब पर लिए जा रहे अतिरिक्त शुल्क को अब शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर के शुल्क के तौर पर ले रही है, पिछले साल की तुलना में 2021 में भी भूपेश सरकार दुवारा शराब से 5 हजार करोड़ की आय का लक्ष्य रखा गया है,। जनता जानना चाहती है कि आखिर यह जनता के टैक्स का पैसा कहां खर्च हो रहा है , क्यों नहीं इन पैसों से छत्तीसगढ़ के अस्पतालों को ठीक किया जा रहा है ।

आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार से कहना चाहती है कि आपसी खींचतान जो उनके सरकारों के बीच में हो रहा है , ये सही नहीं है साथ ही भाजपा को कहना चाहती है , उनका आयुष्मान योजना देश के कई राज्यों उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश सभी में फेल हो गया है, केंद्र से छत्तीसगढ़ को मदद दिलाने की बजाय वे आयुष्मान भारत योजना का क्यों रोना रो रहे हैं 

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