हेल्थ इंश्योरेंस के कार्ड धारकों को केश लेश सुविधा मिले- रेखा भंडारी बिलासपुर विधानसभा अध्यक्ष आप*

बिलासपुर - कोरोना संकट कॉल में प्रदेश के लगभग सभी हॉस्पिटल मेडिकल हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड धारकों को परेशान कर रही है हॉस्पिटल के साथ साथ इन्सुरेंस कंपनिया भी तरह तरह के डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन या अन्य तरह तरह की हथकंडे अपना कर इससे अपना पल्ला झाड़ते हुए दिख रही है । जिस पर आम आदमी पार्टी के बिलासपुर विधानसभा अध्यक्ष रेखा भंडारी ने  कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है वर्तमान में कोरोना महामारी के इस संकट की घड़ी में आर्थिक रूप से सबकी हालात खराब है व इस कोरोना महामारी से  पीड़ित परिवार मजबूरी में अपनी जमा पूंजी ,गहने,घर,खेत गिरवी रखकर या उसे बेचकर इलाज के लिए हॉस्पिटल में रकम जमा करवा रहे है ।
जिन लोगो ने हेल्थ इंश्योरेंस भी लिया है उनका कार्ड भी हॉस्पिटल में नही चल रहा है जिस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री को तत्काल संज्ञान लेते हुए इस पर  एक कमेटी गठित करनी चाहिए जो हॉस्पिटल व इन्सुरेंस कंपनी के बीच सेतु का काम करे व इलाज में आये खर्च में उसके पॉलिसी के कवर के हिसाब से केश-लेस किया जाए जिससे कि इस संकट काल मे कोरोना से पीड़ित परिवार की मदद हो सकेगी।

डीडी सिंग एवं देवेंद्र गुप्ता ने कहा कि वर्तमान में काफी बीमारियों के इलाज हेतु केवल सरकारी अस्पतालों को अधिकृत किया गया है, जिससे मरीजों को तकलीफ उठाना पड़ता है और इधर उधर भटकना पड़ता है आयुष्मान कार्ड,गरीबी रेखा राशन कार्ड द्वारा समस्त बीमारियों का इलाज सभी अधिकृत अस्पतालों में स्वीकृत किया जावे इलाज हेतु राशन कार्ड मान्य किया जावे, हालाकि सरकार ने घोषणा की है लेकिन यह जमीनी स्तर पर नजर नही आ रहा है। कोई भी प्राइवेट अस्पताल राशन कार्ड से कोरोना का इलाज नही कर रहा है।

सरकार द्वारा कोरोना के इलाज की जो दर तय की गई है, उससे कई गुना पैसा प्राइवेट अस्पताल द्वारा लिया जा रहा है, जिसका प्रमाण कई स्टिंग ऑपरेशन द्वारा दिया जा चुका है, लेकिन सरकार कार्यवाही करने में डर रही है। सरकार द्वारा इन अस्पतालों को अधिकृत कर उनका लाइसेंस निरस्त कर संचालक के ऊपर एफआईआर दर्ज करना चाहिए जिससे कि आपदा में अवसर तलासने वाले अस्पताल पर लगाम लग सके।

कोरोना के कारण अन्य मरीजों की दुर्गति हो रही है, अतः कुछ अस्पताल जो कोरोना के इलाज हेतु अधिकृत नही है, उन्हें विशेष रूप से राशन कार्ड द्वारा सभी बीमारियों के इलाज हेतु अधिकृत किया जावे।

सबसे ज्यादा दुर्गति उन मरीजों की हो रही है जिनमे लक्षण कोरोना के है लेकिन एंटीजन टेस्ट निगेटिव है, उन्हें कोई अस्पताल लेने को तैयार नही होता। ऐसे मरीजों के लिए सभी अस्पतालों को निर्देशित किया जावे।

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