कोरबा जिला अत्याधिक वज्रपात वाले जिले की श्रेणी में शामिल,कैसे बचे आकाशीय बिजली से यहाँ पढ़े उपाय

गुरुआस्था न्यूज़

कोरबा जिला अत्याधिक वज्रपात वाले जिले की श्रेणी में शामिल,कैसे बचे आकाशीय बिजली से यहाँ पढ़े उपाय

कोरबा -  छत्तीसगढ राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने प्रदेश के कोरबा सहित रायगढ़, महासमुंद और बस्तर जिले को अत्याधिक वज्रपात वाले जिले की श्रेणी में चिन्हांंिकत किया है। आकाशीय वज्रपात की वजह से प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में लोगों की  मृत्यु एवं जन धन की हानि होती है। सामान्यतः जून से सितम्बर माह में वज्रपात की अत्याधिक घटनाये होती है। राज्य शासन द्वारा वज्रपात की घटनाओं के दौरान जनधन की हानि को रोकने एवं बचाव के लिए आवश्यक सावधानियां बरतने की अपील आम नागरिकों से की गई है। राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वज्रपात-आकाशीय बिजली से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरती जा सकती है।
          
यदि घर में हो तो पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि को न छुएं और उससे दूर रहे तथा बिजली से चलने वाली यंत्रों-उपकरणों को बंद कर दें। यदि दो पहिया वाहन, साईकिल, ट्रक खुले वाहन नौका आदि पर सवार हो तो तुरंत उतरकर सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। वज्रपात-आकाशीय बिजली के दौरान वाहनों पर सवारी न करें। धातु की डंडी वाले छातों का उपयोग न करें। टेलीफोन व बिजली के पोल-खम्भे तथा टेलीफोन टावर से दूर रहे। कपड़े सुखाने के लिए तार का प्रयोग न करें। 

जूट या सूत की रस्सी का उपयोग करें। बिजली की चमक देख तथा गड़गड़ाहट की आवाज सुनकर ऊंचे एव एकल पेड़ों पर नहीं जायें। यदि आप जंगल में हो तो छोटे एवं घने पेड़ों की शरण में चले जाये। वृक्षों दलदल वाले स्थलों तथा जल स्रोतों से यथा संभव दूर रहे परंतु खुुले आकाश में रहने से अच्छा है कि, छोटे पेड़ों के नीचे रहे। खुले आकाश में रहने को बाध्य हो तो नीचे के स्थलों को चुने। एक साथ कई आदमी इक्ट्ठे न हो। दो आदमी की दूरी कम से कम 15 फीट हो। तैराकी कर रहे लोग, मछुवारे आदि अविलंब पानी से बाहर निकल जाये। 

गीले खेतों में हल चलाते, रोपनी या अन्य कार्य कर रहे किसानों तथा मजदूरों या तालाब में कार्य कर रहे व्यक्ति तुरंत सूखे एवं सुरक्षित स्थान पर जाये। धातु से बने कृषि यंत्र, डंडा आदि से अपने को दूर कर लें। यदि आप खेत-खलिहान मे काम कर रहे हो, तथा किसी सुरक्षित स्थान की शरण न ले पाएं तो- जहां है वही रहे, हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीज जैसे लकड़ी ,प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें। दोनों पैरों को आपस में सटा लें एवं दोनों हाथों को घुटनों पर रखकर अपने सिर को जमीन की तरफ यथा संभव झुका लें तथा सिर को जमीन से न छुआएंे। 

जमीन पर कदापि न लेटे। अपेने घरों तथा खेत-खलिहान के आस-पास कम ऊचांई वाले उन्नत किस्म के फलदार वृक्ष समूह लगाये। ऊंचे पेड़ के तनों या टहनियों में तांबे का एक तार स्थापित कर जमीन में काफी गहराई तक दबा दें ताकि पेड़ सुरक्षित हो जाये। यदि संभव हो तो अपने घरों में तड़ित चालक लगवा लें। यथासंभव खुले क्षेत्र में स्वंय को धात्विक संपर्क से बचाये रखे।

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