मृतक के भाई का आरोप..दीपू की हत्या में तीन साथियों का हाथ..

मोपका निवासी दीपेन्द्र वर्मा ने आज पुलिस कार्यालय पहुंचकर बताया कि मोहरा में 7 जनवरी को पुलिस ने आटो के पास एक शव को बरामद किया था। शव उसके भाई दीपू वर्मा का था। पुलिस ने जांच पड़ताल में दीपू की मौत को एक्सीटेन्ट से होना बताया है। जबकि गाड़ी में ना तो किसी प्रकार का खरोज है। और ना ही बिगड़ी है। इसलिए दीपू की मौत की जांच बहुत जरूरी है।

               अपनी लिखित शिकायत में दीपेन्द्र वर्मा ने बताया कि मोपका निवासी दीपू वर्मा आटो चालक था। वह सात जनवरी को हमेशा की तरह अपने दोस्त मिठ्ठू यादव, गोलू यादव और उमेश यादव के साथ बहन से मिलने सीपत थाना क्षेत्र के बजारपारा में बहन जागेश्वरी से मिलने गया। बहन ने बताया कि दीपू वर्मा चाय पानी के बाद साथियों के साथ उसी रात को मोपका के लिए रवाना हो गया। लेकिन दो दिनों तक उसकी कोई जानकारी नहीं  मिली। 
             10 मई को मोपका के पुराने सरपंच तिलक साहू से उसे और उसके चाचा दुर्गेश को जानकाीर मिली कि दीपू वर्मा की मौत हो गयी है। दीपू का शव सिम्स की मरचुरी में रखा है। पहचान के लिए जाना है। मरचुरी पहुंचने पर शव की पहचान दीपू वर्मा के रूप में की गयी।
                    पुलिस कप्तान को दीपेन्द्र ने लिखित में बताया कि सीपत थानेदार ने कहा कि दीपू की मौत एक्सीडेन्ट से हुई है। लेकिन आटो में किसी प्रकार का खरोच नहीं है। दीपू की पीठ पर रगड़े जाने का निशान है। इसके अलावा बेल्ट से मारपीट का भी निशान पाया गया था। दोनों कुहनियों में भी गहरी चोट थी।
           पुलिस कप्तान कार्यालय को दीपेन्द्र ने बताया कि मृतक के साथी मिठ्ठू यादव,  उमेश यादव और गोले यादव घटना दिन से फरार है। तीनों की तलाश कर पूछताछ की जाए। जबकि मोहरा के चश्मदीदों ने बताया कि रात को सबके बीच मारपीट हुई।जब हम लोग घर से बाहर निकले तो तीन लोग भागते हुए नजर आए।

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